तकनीकी लेखन, एक तरह का तकनीकी सम्प्रेषण, औपचारिक लेखन का तरीका है। जो विविध् क्षेत्रों के लिए प्रयोग किया जाता है। ये क्षेत्र हैं - कम्प्यूटर हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर, एरोस्पेस उद्योग, रोबोटिक्स, वित्त, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और जैव-प्रौद्योगिकी आदि। प्रौद्योगिकीय लेखक तकनीकी और ग़ैर-तकनीकी पाठकों को जटिल विचारों के बारे में अवगत कराते हैं। तकनीकी लेखक अकसर उन पाठकों के लिए लिखते हैं जो अपने विषय के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं। वे पाठकों को, यह बताने की बजाए कि इस बारे में वे कितनी जानकारी रखते हैं, उनकी ज्ञान वृद्वि करने का प्रयास करते हैं। कुछ संगठनों में तकनीकी लेखकों को सूचना डेवलपर्स, प्रलेखन विशेषज्ञ, प्रलेखन इंजीनियर्स या तकनीकी कंटेन्ट डेवलपर्स कहा जाता है। तकनीकी लेखकों को उस समय अधिक सफल माना जाता है जब वे अपने पाठकों पर यह प्रभाव डालने का प्रयास करते हैं कि वे अपने पाठकों के लिए उनकी जरूरत के मुताबिक सूचनाएं कितनी स्पष्ट तथा आसान रूप में प्रस्तुत करते हैं। एक अच्छे तकनीकी लेखक के लिए मजबूत भाषा कौशल जरूरी होता है और उन्हें उच्च प्रकृति के आधुनिक तकनीकी सम्प्रेषण की समझ होनी चाहिए। एक अच्छे तकनीकी लेखक के गुण : उच्च-तक. फर्मों में अच्छे तकनीकी लेखक अपने पाठकों के बारे में दो प्रश्न पूछते हैं : 1 वे मेरे विषय के बारे में कितना जानते हैं? 2 मैंने जो कुछ लिखा है, उसे पढ़ने के कितने इच्छुक होंगे? पाठकगण विषय के बारे में कुछेक, काफी या इनके बीच का ज्ञान रखते होंगे। पाठकों की इसमें रुचि हो सकती है, अच्छी रुचि हो सकती है या इनके बीच की रुचि हो सकती है लेकिन पाठकों की रुचि बनाए रखने के वास्ते तकनीकी लेखकों को पाठकों के प्रत्युत्तर को महसूस करना चाहिए तथा विषय की रंगत और सारांश पर नियंत्रण होना चाहिए। तकनीकी लेखकों के लिए संभावनाएं उद्योगों और प्रकाशन फर्मों द्वारा पाठकों को अपने विशेष क्षेत्रों के बारे में सूचनाएं प्रदान करने के वास्ते हजारों व्यवसाय और व्यापार पत्रिकाएं तथा समाचार-पत्र प्रकाशित किए जाते हैं। औद्योगिक प्रकाशन अक्सर तकनीकी लेखकों द्वारा लिखे तथा संपादित किए जाते हैं। समाचार-पत्र, समाचार पत्रिकाएं तथा वायर सेवाएं तकनीकी लेखकों को नियुक्त करते हैं। ऑटोमोबाइल उद्योग, इंजीनियरी, कम्प्यूटर्स, चिकित्सा, विधि, केमिस्ट्री, जैव-प्रौद्योगिकी आदि से संबंधित व्यावसायिक पत्र-पत्रिकाओं में व्यावसायिक रुझानों के बारे में रिपोर्ट करने तथा संपादक के तौर पर काम करने के लिए तकनीकी लेखकों की सेवाएं ली जाती हैं। बहुत से तकनीकी लेखक स्वतंत्रा लेखकों के तौर पर कार्य करते हैं। उन्हें काम के हिसाब से या घण्टों के हिसाब से भुगतान किया जाता है। कई बार कुछ विशिष्ट कार्यों के लिए उनकी सेवाएं ली जाती हैं, जैसे कि किसी उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पाद या विकास के बारे में लिखना। कुछ तकनीकी लेखक तकनीकी सूचना विभागों में अनुसंधान सहायकों या एक प्रशिक्षणार्थी के रूप में कार्य शुरू करते हैं और बाद में तकनीकी लेखकों के रूप में पदोन्नत किए जाते हैं। तकनीकी लेखक के लिए कोई वास्तविक कॅरिअर स्तर तो नहीं है लेकिन वे अन्य लेखकों के प्रबंधन स्तर तक पहुंच सकते हें। वह वरिष्ठ तकनीकी लेखक पद तक पहुंचकर, जटिल परियोजनाओं के संचालन या लेखकों तथा संपादकों की छोटी टीम का नियंत्रण करते हैं। उनकी अगली पदोन्नति एक प्रलेखन प्रबंधक के तौर पर हो सकती है जिसे विभिन्न तरह की परियोजनाओं और टीमों का संचालन करना होता है। उच्च प्रौद्योगिकी की फर्मों में तकनीकी लेखकों को दस्तावेज की शुरुआत में अपने विषय और उद्देश्य को उल्लिखित करने के वास्ते प्रोत्साहित किया जाता है ताकि पाठकगण उत्पाद के बारे में अच्छी प्रकार से जान सकें। उच्च-प्रौद्योगिकी फर्मों में तकनीकी लेखक हर संभव तरीके से तीव्रता के साथ लिखने में सक्षम होने चाहिए तथा एक लेखन कार्य के बाद दूसरे लेखन कार्य को तेजी से कर सकते हैं। प्रलेखों के बारे में कई बार अचानक मांग उठती है और अक्सर किसी एक आवश्यकता की प्रथम सूचना के लिए और उसे पूरा करने के लिए बहुत कम समय दिया जाता है। तकनीकी लेखकों के पास कई अन्य नियोजन संबंधी, जिम्मेदारियां भी होती हैं जिनमें प्रलेखों के डिजाइन, लेखन या कंटेट कवरेज हेतु प्रलेख की समीक्षा, तर्कसंगत संगठन और लेखनों तथा संपादकों के लिए दिशा-निर्देशों का निर्धारण करना शामिल है। दिशानिर्देशों के लेखन और संपादन से प्रपत्रों, परिवर्णी शब्दों तथा संक्षिप्ताक्षरों और तकनीकी विवरणों में निरंतरता सुनिश्चित होती है, जिससे संपादन का समय बचता है। उच्च-प्रौद्योगिकी फर्मों में तकनीकी लेखकों के समक्ष प्राथमिक और सेकेंडरी स्तर के दो प्रकार के पाठकगण होते हैं। फर्म के बाहरी लोगों के लिए लिखे गए प्रलेख में संशोधन, उसके उत्पादन तथा बाहरी पाठकों में प्रचालन से पूर्व पर्यवेक्षकों तथा अन्य कम्पनी स्टाफ द्वारा समीक्षा की जाती है। ये समीक्षाकर्ता सेकेंडरी पाठक कहलाते हें।बाहरी पाठकगण (संबद्ध ग्राहक) प्राथमिक पाठक हैं। जब तकनीकी लेखकों के दो तरह के पाठकगण हैं तो उन्हें प्राथमिक पाठकों के साथ प्रभावी सम्प्रेषण करते समय सेकेंडरी पाठकों को संतुष्ट करना चाहिए। सामान्यतः सेकेंडरी पाठक प्राथमिक पाठकों से सुपरिचित होते हैं तथा प्रभावी तौर पर समीक्षा कर सकते हैं। तकनीकी लेखक अकसर अपने वरिष्ठों को उपयोगी दिशानिर्देश या कम्पनी के नियमों की कठोर अनुपालना की अनुशंसा करते हैं और यह सुझाव देते हैं कि प्रलेख के लिए कौन से मानकों का पालन किया जाए। कोई प्रलेख लंबा होने पर तकनीकी लेखक के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह प्रकाशन कर्मचारियों के साथ समन्वय रखे, उन्हें बताए कि कितना काम आ रहा है, इसे कब प्रस्तुत किया जाएगा तथा इसकी कब आवश्यकता है। तदनुरूप एक योजना और कार्यक्रम बनाए जाने की आवश्यकता है। तकनीकी लेखक लेखन की प्रक्रिया के हर कदम में मजबूत होने चाहिएं। उन्हें उत्पाद पर जोर देना चाहिए न कि प्रक्रियाओं पर। किसी उच्च-प्रौद्योगिकी फर्म में अन्य व्यावसायिक व्यवस्थाओं की अपेक्षा अंतिम प्रलेख (आलेख) अधिक महत्वपूर्ण होता है। किसी तकनीकी लेखक का व्यक्तिगत कौशल तकनीकी लेखक के पास अच्छी अंग्रेजी के लेखन का कौशल होना चाहिए। उसके पास विभिन्न तरह के संचार माध्यमों-जैसे कि इंटरनेट, पुस्तकों और कई बार क्षेत्र में विशेषज्ञों के साथ साक्षात्कार, डिजाइन कौशल तथा मल्टीमीडिया प्रस्तुतिकरण से उत्पाद के बारे में सूचना एकत्र करने के लिए अच्छा अनुसंधान एवं सम्प्रेषण कौशल होना चाहिए। एक तकनीकी लेखक का तकनीकी रूप से कुशल या प्रशिक्षित होने के साथ-साथ विशिष्ट क्षेत्र में सुविज्ञ होना जरूरी है। तकनीकी लेखक के समक्ष चुनौतियां जो कम्पनियां बिक्री हेतु लिखित या ऑन-लाइन प्रलेखों का उत्पादन नहीं करतीं उनमें तकनीकी लेखकों को अकसर अपने पदों के औचित्य के समर्थन में यह प्रदर्शित करना होता है कि उनके कार्य ने फर्म के सामान या सेवाओं की बाजार क्षमता को बढ़ा दिया है। तकनीकी लेखक किसी कंपनी की छवि के निर्माता होते हैं और उसके लाभ में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। उन्हें अपने को क्षेत्र में नए तकनीकी विकासों के बारे में अद्यतन रखना चाहिए। उन्हें ऐसे शिक्षित, बुद्विमान लोगों के साथ मिलकर रोजमर्रा अपने कौशल को अद्यतन करना चाहिए जो उनकी सेवाओं की कीमत समझते हैं। तकनीकी विकास के साथ ही पदार्थ तकनीकी लेखक भी नई चुनौतियों के साथ कार्य करते हैं। विभिन्नताएं उनके काम को अधिक रोचक तथा चुनौतीपूर्ण बनाती हैं तथा नए-नए पदार्थ उन्हें शिक्षित करते हैं। तकनीकी लेखकों के लिए पात्रता तकनीकी लेखकों के क्षेत्र में औपचारिक शिक्षा की कोई अपेक्षा नहीं होती है। तकनीकी लेखक के लिए कोई भी डिग्री के साथ स्नातकोत्तर डिग्री, वरीयतन पत्रकारिता और जनसंचार में, होनी चाहिए और अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान तथा आईटी कौशल हो। इसके अलावा कम्प्यूटर साक्षरता और सॉफ्टवेयर अनुप्रयोग माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पेज मेकर, फ्रेम मेकर, रोब हेल्प और फ्रंट पेज आदि कुछ महत्वपूर्ण कौशल भी तकनीकी लेखक के पास होना आवश्यक है। तकनीकी लेखक के कार्य सूचीपत्र, उपयोग नियम और निर्देश, तकनीकी सहायक पुस्तकें, इंजीनियरी रिपोर्टें और ऑन-लाइन सहायता दस्तावेज तैयार करना। उत्पादों के वास्तविक विकासकर्ताओं को सूचित करना। इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, फार्मास्युटिकल फर्मों और लेखाकारों के साथ मिलकर काम करना। तकनीकी लेखक के लिए उपलब्ध् रोजगार विभिन्न फर्मों में, जैसे कि विज्ञापन एजेंसियां, सॉफ्टवेयर डेवलपिंग कम्पनियों और समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं में तकनीकी लेखकों की बहुत मांग है। आईटी उद्योग से तकनीकी लेखकों की बहुत मांग बढ़ी है। स्वतंत्र तकनीकी लेखक कम्पनियों से अनुबंध् आधार पर भी कार्य प्राप्त कर सकते हैं। इन्फोसिस टेक्नोलॉजिज लिमि., सन माइक्रोसिस्टम्स, इन्फोटैक जैसी कम्पनियों में अकसर तकनीकी लेखकों की नियुक्तियां की जाती हैं। तकनीकी लेखन में पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थान/विश्वविद्यालय हालांकि भारत में तकनीकी लेखन के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ लेकिन देश में एक भी ऐसा संस्थान/विश्वविद्यालय नहीं है जो स्पष्ट तौर पर तकनीकी लेखन पाठ्यक्रम या प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता हो। कुछ विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में पत्रकारिता और जनसंचार की शिक्षण गतिविधियों में तकनीकी लेखन का एक पेपर शामिल किया जाता है। तकनीकी लेखन में पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कुछ संस्थान/विश्वविद्यालय 1 कालीकट विश्वविद्यालय, कोझीकोड 2 प्रलेखन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (डीआरटीसी) बंगलौर 3 जेविअर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मुंबई 4 तकनीकी संचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, पुणे विश्वविद्यालय 5 इस क्षेत्र में कई अन्य निजी संस्थान भी पाठ्यक्रम संचालित करते हैं। - प्रदीप कुमार नाथ एवं हेमप्रभा चौहान (प्रदीप कुमार नाथ राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान में सहायक प्रोफेसर हैं तथा हेमप्रभा चौहान इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एवं टेक्नोलॉजी, गुड़गांव की पूर्व सहायक प्रोफेसर और राजेंद्रनगर, हैदराबाद-500030 पत्रकार में हैं) |
Subscribe to:
Posts (Atom)